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सामान्य जानकारी

मूसा इस्राएल के लोगों को एक कविता के जैसा गीत सुनाता है

जैसे उकाब अपने घोंसले को हिला-हिलाकर \q अपने बच्चों के ऊपर-ऊपर मण्डराता है, \q वैसे ही उसने अपने पंख फैलाकर उसको अपने परों पर उठा लिया

इसका अर्थ है कि जब इस्राएल के लोग मरुभूमि में थे तो परमेश्‍वर ने उन्हें बचाया और उनकी सुधि ली

परों

पक्षी के पंखों का बाहरी हिस्सा

उसकी अगुआई करता रहा…उसके संग

मूसा पूरे इस्राएल को याकूब के रूप में दर्शाता है, यहाँ कहा जा सकता है उनकी अगुवाई की…उनके संग