hi_tn/deu/32/05.md

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# सामान्य जानकारी
मूसा इस्राएल के लोगों को एक कविता के जैसा गीत सुनाता है। मूसा अपनी बातों को तुलनात्मक रूप से बताना जारी रखता है
# लोग टेढ़े और तिरछे हैं
गलत कामों के द्वारा उसका विरोध किया
# मूर्ख और निर्बुद्धि लोगों
एक पूरी तरह से दुष्ट पीढ़ी
# क्या तुम यहोवा को यह बदला देते हो?
तुम्हें सही स्तुति करनी चाहिए
# मूर्ख और निर्बुद्धि लोगों
तुम जो पूरी तरह से मूर्ख हो
# क्या वह तेरा पिता नहीं है, जिसने तुम को मोल लिया है? \q उसने तुझको बनाया और स्थिर भी किया है
मूसा इस्राएल के लोगों से ऐसे बात करता है जैसे वो एक मनुष्य हो, इसी लिए यहाँ तेरा, तुम एक वचन में हैं
# क्या वह तेरा पिता नहीं है…उसने तुझ को बनाया
यहोवा तुम्हारा पिता है जिसने तुम्हें बनाया है