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अपने-अपने बेटे-बेटियों, दास-दासियों समेत, जो लेवीय हों

तुम्हारे बेटे, तुम्हारी बेटीयां तुम्हारे नौकर तुम्हारी नौकरानीयां कोई भी लेवीय

फाटकों के भीतर

तेरे शहरों के अन्दर

परदेशी, और अनाथ, और विधवाएँ

सारे प्रदेशी, अनाथ और विधवाएँ

अनाथ

जिन बच्चों के माता पिता मर गए है और उनका कोई सबन्धी भी नहीं है जो उसकी देखभाल कर सके

विधवाएँ

जिन औरतों का पति मर चुका है और उसके पास संतान भी नहीं है जो उसकी बुढ़ापे में देखभाल कर सके

स्मरण

याद रखना