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तीन-तीन वर्ष के बीतने पर तीसरे वर्ष की उपज का सारा दशमांश निकालकर

तीन सालों में एक बार इस्राएली उनके अपने शहर में दशमाँश इकट्ठा किया करते थे। यह लेवीयों, यतीमों और प्रदेशीयों के लिए उपल्बद होती थी

फाटकों के भीतर

शहर के अन्दर

जिसका तेरे संग कोई निज भाग या अंश न होगा वह

ऐसा कहा जाता है की परमेश्‍वर ने लेवीय को भुमि नहीं दी मानो वह उनको विरासत नहीं दे रहा था

अनाथ

वह बच्चे जिनके माता पिता दोनों मर गए और उनके पास उनकी देखभाल के लिए कोई कुटम्बी भी नहीं है।

विधवाएँ

यह एक औरत जिसका पति मर गया है और उसके पास कोई बच्चा भी नहीं है जो बुढ़ापे में उसे संभले

तेरे सब कामों में तुझे आशीष दे

सारे कामों में जो तू करे