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इसलिए तुम मेरे ये वचन अपने-अपने मन और प्राण में धारण किए रहना

कहा जाता है कि लोग हमेशां सॊचते और ध्यान रखते थे कि मुसा क्या हुक्म देगा, मानो मन और प्राण एक डिब्बा हो और मुसा के शब्द एक विष्य सुची हो जिनसे से डिब्बा भरा है। अत: “ बहुत सावधानी पूर्वक इन शब्दों को याद रखना जो मैं तुम्हें कह रहा हूँ”

ये मेरे वचन

यहाँ ”शब्द” आज्ञाऐं है जो मुसा बोल रहा है।

तुम्हारे मन और प्राण

यहाँ “मन“ और “प्राण“ व्यक्ति के मस्तिक और विचारों को दिखाता है।

उन्हें बाँधना

“इन शब्दों को बाँधो” यह एक शब्दादेश है कि एक व्यक्ति चर्मपात्रों पर शब्द लिख रहा हो, चर्मपात्रों को एक थैली में डाल रहा हो, और थैली को बाँध रहा हो। यह शब्दादेश एक रूपक में बदल जाते है कि लोग मुड़ें और मुसा के हुक्मों सावधानी पूर्वक मानें।

अपने हाथों पर चिन्ह के रूप में

“ऐसे मेरी व्यवस्था तुम्हें याद दिलाएंगे”

तुम्हारी आँखों के मध्य में टीके का काम दें

“हॊने दे कि मेरे शब्द तेरी आँखों के बीच एक टीके के सामान हो।” यह एक शब्दादेश है जो एक व्यक्ति मुसा के शब्दों को एक च्रमपात्रों पर लिख रहा हो, और एक थैली में डाल रहा हो और थैली बाँध कर ऐसे आँखों के बीच लटका दिया। यह एक शब्दादेश बदलकर रूपक का अर्थ है कि व्यक्ति बहुत ही सावधानी से मुसा के हुक्मों को माने।

टीके

एक आभुषण है जो माथे पर पहना जाता है।

तुम घर में बैठे, मार्ग पर चलते, लेटते-उठते

अलग अलग जगाहों पर “अपने घर में” और “मार्ग में” और इसके विपरीत “जब तुम लेटते समय” और “उठते समय” हर समय हर जगह दर्शाना, इस्राएल के लोग आपस में परमेश्‍वर की आज्ञाओं की बात चीत किया करते थे और अपने बच्चों को हर जगह और हर समय सिखाया करते थे