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सामान्य जानकारी

मुसा इस्राएलीयों से बतें करता मानो वे एक मनुष्य हो। सारी अवस्था में “तुम” और “तुम्हारा” का एकवचन ही है।

मिस्र में गए

“दक्षिन से मिस्र को गए “ यां “मिस्र को गए “

सत्तर ही मनुष्य थे

“70 मनुष्य“

गिनती आकाश के तारों के समान बहुत कर दी है

इस्राएलीयों की बहुत बड़ी पर जोर देता है जो मुसा के साथ थे। “तुम जितना गिन सकते हो उससे कहीं ज्यादा”