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सामान्य जानकारी

मुसा इस्राएलीयों से बतें करता मानो वे एक मनुष्य हो। सारी अवस्था में “तुम” और “तुम्हारा” का एकवचन ही है।

उसी की सेवा करना

“वही एक है जिसकी तुमने सेवा करनी है”

और उसी से लिपटे रहना

परमेश्‍वर यहोवा के साथ अच्छा संबन्ध बनाना और उस पर संपूर्ण भरोसा रखने को बताता है मानो व्यक्ति परमेश्‍वर यहोवा से लिपटे रहते थे। “तुम उसी पर ही भरोसा रखना” यां “वही एक है जिस पर तुमने निर्भर होना है”

उसी के नाम की शपथ खाना

परमेश्‍वर यहोवा के नाम की शपथ का अरथ है कि। परमेश्‍वर यहोवा को मूल बनाना या वोह शक्ति जिसमें कसम ली । ”तुम शपथ लोगे और परमेश्‍वर यहोवा से कहकर पक्का करो” यां “जब तुम शपथ लेना तो परमेश्‍वर यहोवा का नाम बोलना”

जिन्हें तूने अपनी आँखों से देखा है

यहाँ “आँखे“ संपूर्ण मानवता को दर्शाती है। “जॊ कुछ तुमने सयंम देखा है”

वही तुम्हारी स्तुति के योग्य है

संभवत: अर्थ 1) “वही एक है जिसकी तुमने सतूती करनी है” यां 2) “इसलिए तुम उसकी आराधना करना कि अन्य लोग तुम्हारी प्रशंसा करेंगे”