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सामान्य जानकारी

मुसा इस्राएली लोगो से यहोवा परमेश्वर के वचन कहना जारी रखता है जैसे कि इस्राएली लोग एक मनुष्य हो।

अपने परमेश्‍वर यहोवा का भय मानना; उसी की सेवा करना, और उसी के नाम की शपथ खाना

“यह तुम्हारा परमॆश्वर यहोवा ही है और कोई दुसरा नहीं जिसका तुमने आदर करना है; यह वही है केवल जिसकी तुमने आराधना करनी है, और यही उसका नाम है और केवल उसी के नाम की तुमने शपथ खानी है।“ हो सकता है कि आप अपनी भाषा में दुसरे तरीके से महत्व दे कि यहोवा इस्राएलीयों से कहता है कि किसी दुसरे इश्वर की ना तो आराधना करना यां ना सेवा करना

उसी के नाम की शपथ खाना

“तुम शपथ खाना और यहोवा से पुष्टि करना” यां “जब तुम शपथ खाओ तुम उसके नाम को बोलना”।

जो तेरे बीच में है

“जो तुम्हारे बीच में रहता है”

तेरे परमेश्‍वर यहोवा का कोप तुझ पर भड़के

मुसा यहोवा के कोप को किसी नाश करने वाली एक आग से तुलना कर रहा है। कोप भड़के भयंकर कोप का रूपक है। अत: “यहोवा तुम्हारा परमेश्वर उसका कोप भड़केगा” यां “यहोवा तुम्हारा परमेश्वर भयंकर क्रोधित हो गया है”

तुम्हें नष्ट कर डाले

“तो तुम्हारा नाश कि कहीं पर भी तुम्हारा कुछ नहीं बचेगा”