hi_tn/deu/05/12.md

1.3 KiB

सामान्य जानकारी

मुसा इस्राएलीयों से एसे बात करता जारी रखता है जैसे वे एक मानव हो, तो ध्यान दें जैसे “तुम” और “तुम्हारा” दोनों एकवचन है।

पवित्र रखना

“इसे परमेश्‍वर को संमर्पित करो“।

अपना सारा काम-काज करना

“अपने कर्तव्य के सारे कामों को करना”।

सातवाँ दिन

“७वाँ दिन।” यहाँ “सात” आम सात की संख्य है।

उसमें न तू किसी भाँति का काम-काज करना

“इस दिन कभी कुछ मत करना“।

तेरे फाटकों के भीतर

यहाँ “फाटकों“ एक शहर को प्रस्तुत करता है। “अपने समाज में” यां “शहर के भीतर” यां “ तुम्हारे बीच में रहे”।