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समान्‍य जानकारी

सन का वस्त्र पहने हुए दूत से दानिय्येल का बात करना जारी है।

धन्य है वह, जो धीरज धरकर

"धन्य है वह व्यक्ति जो प्रतीक्षा करता है"

धीरज

"धीरज" या "वफादार रहता है"

तेरह सौ पैंतीस दिन

यहां "दिन" समय की अवधि की बात कर रहा है, जिसे आमतौर पर दिनों के रूप में गाया जाता है। हालांकि, यहाँ भी साल लग सकते हैं।

तू जाकर

दानिय्येल, तुमे जाना चाहिए" इसका अर्थ है दानिय्येल का अपनी मृत्यु के नियत समय तक राजाओं के लिए जीना और उनकी सेवा करना।

तू विश्राम करता रहेगा

यह नमर्ता से कहने का एक तरीका है “तुम मर जाओगे”

तू अपने निज भाग पर खड़ा होगा।”

यह मृतकों के पहले पुनरुत्थान का जिक्र है अर्थात् जब धर्मी लोगों को ऊपर उठाया जाएगा।

तू अपने निज भाग पर खड़ा होगा

"परमेश्‍वर ने तुम्‍हे जो स्थान दिया है"