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समान्य जानकारी
दूत से दानिय्येल का बात करना जारी है।
अपने बल और हियाव को बढ़ाएगा
बल और हियाव (जो साहस है) के बारे में बात की जाती है अर्थात् जैसे कि वे ऐसे लोग थे जिन्हें कोई मनुष्य कार्य करने के लिए जगा सकता था और वह खुद को शक्तिशाली और साहसी बनेगा।
हियाव
यहाँ यह साहस को दर्शाता है।
बड़ी सेना लिए हुए
"एक बड़ी सेना के साथ जो वह इकट्ठा करेगा"
युद्ध तो करेगा
"उसके खिलाफ लड़ेंगे"
ठहर न सकेगा
उनकी सेना हार जाएगी।
उसके भोजन के खानेवाले
यह राजा के सलाहकारों को दर्शाता है।अर्थात् राजा के सबसे सर्वश्रेष्ठ सलाहकार उसके साथ भोजन।
यद्यपि उसकी सेना बाढ़ के समान चढ़ेंगी।
यहाँ "बाढ़" और "मर" का अर्थ एक ही बात है। अर्थात् उसके कई सैनिक युद्ध में मर जाएंगे।
सके बहुत से लोग मर मिटेंगे।
यहां "दिल" एक मनुष्य की इच्छाओं को दर्शाता है।अर्थात् इच्छाओं की बात यहाँ की जाती है जैसे कि वे एक ऐसी वस्तु थी जिसे कोई मनुष्य किसी निश्चित स्थिति में स्थापित या स्थान दे सकता था और प्रत्येक दूसरे के लिए बुराई करने के लिए निर्धारित है
उन दोनों राजाओं के मन बुराई करने में लगेंगे,
एक ही मेज पर बैठना एक दूसरे से बात करने के कार्य को दर्शाता है।
वे एक ही मेज पर बैठे हुए
"लेकिन उनकी मदद नहीं करेगी"
इन सब बातों का अन्त नियत ही समय में होनेवाला है।
यह बताता है कि उनके कार्यों का परिणाम केवल उस समय आएगा जब परमेश्वर ने तय किया है।