hi_tn/dan/05/20.md

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उसका मन फूल उठा।

यहाँ "मन" राजा को दर्शाता है अर्थात् राजा अभिमानी था।

उसकी आत्मा कठोर हो गई।

यहाँ "आत्मा" राजा को दर्शाता है कि उसकी जिद के बारे में कहा जाता हैअर्थात् राजा जिद्दी हो गया।

अभिमान

अति घुमण्‍डी

वह अपने राजसिंहासन पर से उतारा गया,

यहाँ "सिंहासन" राज्‍य करने के अपने अधिकार को दर्शाता है। इस वाक्‍य में कहा जा सकता है कि लोगों ने राजा का राज्य छीन लिया।

वह मनुष्यों में से निकाला गया।

इस वाक्‍यक में कहा जा सकता है कि राजा तू मनुष्यों से दूर निकाला गया।

उसका मन पशुओं का सा

यहाँ "मन" उनके विचारों का दर्शाता है अर्थात् राजा का मन एक जानवर के रूप में सोचता है।

ओस

जमीन पर नमी जो सुबह में मिलती है।

जिसे चाहता उसी को

राजा जिसे भी चुनता है।