इन दो शब्दों का अर्थ एक ही चीज से है अर्थात् राजा की शक्ति की महानता को बतता है कि न कोई "सबसे शक्तिशाली।"
यह वाक्य में कहा गया है कि केवल देवता ही राजा को यह बता सकते हैं।