hi_tn/dan/02/01.md

1.1 KiB

दूसरे वर्ष में

वर्ष दो में

ऐसा स्वप्न

नबूकदनेस्सर के सपने थे।

उसका मन बहुत ही व्याकुल हो गया

यहाँ "मन" उनके विचारों को दर्शाता है ।अर्थात् नबूकदनेस्सर विचारों ने उन्हें व्याकुल किया।

और वह सो न सका।

नबूकदनेस्सर के व्याकुल विचारों ने उन्हें सोने से रोक दिया "ताकि वह सो न सके।"

तब राजा ने आज्ञा दी, कि तांत्रिक

तब राजा ने तांत्रिक को बुलाया ।

कसदी

जो लोग मर गए थे।

वे आए

वह महल में आए।

सामने हाजिर

राजा के सामने खड़ा था।