इस वाक्य में कहा जा सकता है कि परमेश्वर ने उन्हें सीखने और स्पष्ट रूप से समझने की क्षमता दी।
यह दिखाने के लिए एक अतिशयोक्ति है कि उन जवानों के पास बहुत अच्छी शिक्षा और समझ थी।