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771 B

तीन क्या, वरन् चार अपराधों के कारण मैं उसका दण्ड न छोड़ूँगा

कई पापों के लिए ... बहुत सारे पापों के लिए" या "क्योंकि ... इतना पाप किया है, मेरी अनुमति से भी अधिक पाप किया है" ,मैं उनको दंण्‍ड देना ना छोडूंगा।

अपने रोष को अनन्तकाल के लिये बनाए रहा

"उसका क्रोध अब तक बना हुया है।"

बोस्रा

यह एक जगह का नाम हैं।