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914 B

अपनी-अपनी पोथियाँ इकट्ठी करके

जादूई तंत्रों-मन्त्रों वाली किताबें और स्क्रॉल

सब के सामने

“सब के आगे”

चांदी के सिक्कों

चांदी के एक सिक्के का दाम एक दैनिक मजदूर की एक दिन की दिहाड़ी के बराबर था।

इस प्रकार प्रभु का वचन बल पूर्वक फैलता गया और प्रबल होता गया

“प्रभु से सम्बंधित उपदेश इतना प्रभावी था कि वह फैलता गया और पहले अधिक प्रभावशाली होता गया।”