hi_tn/act/17/26.md

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पौलुस अपनी बात जारी रखता है

एक ही मूल

संभावित अर्थ: 1) परमेश्वर द्वारा रचित पहला आदम 2) इसमें आदम और हव्वा दोनों भी शामिल हो सकते हैं

मनुष्यों की सब जातियां ....बनाई हैं

“मनुष्यों की सब जातियां.....परमेश्वर, सृष्टिकर्ता ने बनाई है”

उनके ठहराए हुए.....कि वे

यहाँ पर “उनके” और “वे” का आशय पृथ्वी पर मौजूद सभी मनुष्यों से है

परमेश्वर को ढूंढें

“परमेश्वर को खोजे”

उसे टटोलकर पाएं

“उसकी ज़रुरत को महसूस करें”

हम में से किसी से

इसमें पौलुस अपने श्रोताओं के साथ स्वयं को भी शामिल कर रहा है।