hi_tn/act/15/05.md

1.7 KiB

परन्तु कैसे?

लूका विश्वासियों के दो समूहों की तुलना करता है, पहले वे जो “केवल यीशु के द्वारा उद्धार” में विश्वास रखते हैं, और दूसरे वे फरीसी जो यीशु में विश्वास तो रखते हैं लेकिन यह भी मानते हैं कि “उद्धार के लिए खतना करवाना भी अनिवार्य है।”

उन्हें खतना कराने और मूसा की व्यवस्था को मानने की आज्ञा देनी चाहिए

“उन्हें” का आशय खतराहित गैर-यहूदी विश्वासियों से हैं।

व्यवस्था को मानने के लिए

“व्यवस्था का पालन करने के लिए”

इस बात के विषय में विचार करने के लिए

“विश्वास से जुड़े इस अंतर पर विचार करने के लिए।” अर्थात, पौलुस द्वारा दिए जानेवाले उद्धार के उपदेश (यीशु द्वारा उद्धार) और फरीसियों के सुसमाचार (खतना और व्यवस्था द्वारा उद्धार) के बीच के अंतर पर बहस करने के लिए इकट्ठे हों।