hi_tn/act/12/13.md

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खिड़की खटखटाई

“पतरस ने खिड़की खटखटाई”। घर के भीतर आने से पहले दरवाज़े पर खटखटाना यहूदियों की एक सामान्य रीति थी।

फाटक की खिड़की

“बाहर के दरवाज़े की खिड़की” या फिर, “आँगन से गली की ओर खुलनेवाले प्रवेश द्वार की खिड़की खटखटाई”

सुनने को आई

अर्थात “खटखटाने वाले को देखने आई”

पतरस का शब्द पहचानकर

“रूदे ने पतरस की आवाज़ पहचान ली”

आनंद के मारे

“वह इतनी आनंदित हो गयी कि” या फिर, “उत्साह के चलते”

द्वार पर खड़ा है

अर्थात “द्वार के उस ओर खड़ा है।” इस समय तक पतरस दरवाज़े के बाहर ही था।

उन्होंने उससे कहा

“घर के भीतर मौजूद विश्वासियों ने रूदे से कहा”

तू पागल है

लोगों को उसकी बात पर विश्वास नही हो रहा था, और उसे पागल कह कर डांट दिया। अनुवाद करते समय हम “तू पागल तो नहीं है” भी लिख सकते हैं।

परन्तु वह दृढ़ता से बोली कि ऐसा ही है

“रूदे ने ज़ोर देकर कहा कि वह सच बोल रही है”

तब उन्होंने कहा

अर्थात “घर के भीतर मौजूद विश्वासियों ने उत्तर दिया”

उसका स्वर्गदूत होगा

“तुमने पतरस का स्वर्गदूत देखा होगा।” कुछ यहूदी संरक्षक दूतों पर विश्वास करते थे और शायद सोंचते होंगे कि पतरस का दूत उनसे मिलने आया है।