hi_tn/act/12/09.md

2.1 KiB

परन्तु यह न जानता था

“पतरस यह न जानता था” या फिर, “पतरस यह नहीं समझा कि”

जो कुछ स्वर्गदूत कर रहा है, सच है

जो कुछ स्वर्गदूत कर रहा है, सच है- “स्वर्गदूत सचमुच में वह सब कर रहा है” या फिर, “स्वर्गदूत द्वारा किये कार्य, सचमुच घटित हो रहे थे।”

यह समझा कि मैं दर्शन देख रहा हूँ

यह समझा कि मैं दर्शन देख रहा हूँ- “पतरस यह समझा कि वह दर्शन देख रहा था।”

तब वे पहले

“तब स्वर्गदूत और पतरस”

निकलकर...पर पहुंचे

“निकलकर...गए”

पहले

“पहले पहरे”

पहुंचे

“पतरस और स्वर्गदूत....पहुँच गए”

जो नगर की ओर है

“जो नगर की ओर खुलता है”

वह उनके लिए आप से आप खुल गया

वह उनके लिए आप से आप खुल गया - “उनके लिए अपने आप खुल गया” या फिर, “उनके लिए स्वयं खुल गया”

और वे निकलकर

“और स्वर्गदूत व पतरस द्वार से होते हुए निकल गए”

एक ही गली होकर गए

“एक गली के किनारे-किनारे चले गए”

उसे छोड़ कर चला गया

“पतरस को अचानक से छोड़ दिया” या फिर, “अचानक अदृश्य हो गया”