hi_tn/act/10/46.md

2.1 KiB

उन्होंने उन्हें भांति-भांति की भाषा बोलते और परमेश्वर की बड़ाई करते सुना

ये लोगों द्वारा बोली जानेवाली भाषाएँ थीं जिससे यहुदियों को यह पता चल पाया कि “उन्हें” अर्थात अन्यजातीय लोग सचमुच परमेश्वर की बड़ाई कर रथे थे।

क्या कोई जल की रोक कर सकता है कि....

यह वास्तविक प्रश्न न होकर भाषा का आलंकारिक प्रयोग है। इसका आशय है कि “किसी को उन्हें जल से दूर नहीं रखना चाहिए।”

कि ये बप्तिस्मा न पाएं

पतरस यहाँ पर आलंकारिक भाषा का प्रयोग कर रहा है और प्रश्न वास्तविक न होकर केवल आलंकारिक है। कहने का आशय असल में है कि ये लोग बप्तिस्मा पाने के योग्य हैं।

और उसने आज्ञा दी कि उन्हें ....बप्तिस्मा दिया जाए

“पतरस ने उन्हें अन्यजतीय लोगों को बप्तिस्मा देने की आज्ञा दी” (निष्क्रिय) अथवा “पतरस ने यहूदी मसीहियों को गैर-यहूदी विश्वासियों को बप्तिस्मा देने की आज्ञा दी”

तब उन्होंने उससे विनती की

“तब अन्यजातियों ने पतरस से विनती की”