hi_tn/act/10/09.md

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जब वे चलते-चलते नगर के पास पहुंचें

कुरनेलियुस के दो सेवक और सिपाही कुरनेलियुस की आज्ञा पर याफा की ओर यात्रा कर रहे थे।

वह बेसुध हो गया

यह वह दशा थी जिसमें दर्शन पाते समय पतरस भी था।

और उसने देखा कि आकाश खुल गया

यह पतरस के दर्शन की शुरुआत थी

एक पात्र बड़ी चादर के समान

उस बड़े पात्र का आकार एक बड़ी चादर के समान था

जिसमें हर प्रकार के....जंतु और आकाश के पंछी थे

अर्थात उस पात्र के भीतर बहुत तरह के जंतु थे