hi_tn/act/08/29.md

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तू जो पढ़ रहा है क्या उसे समझता भी है?

अनुवाद करते समय यूं भी लिख सकते हैं, कि “तू जो पढ़ रहा है, क्या तुझे उसका अर्थ भी मालूम है?” इथियोपिया का वह वासी पढ़ सकता था और बुद्धिमान था। यहाँ पर आत्मिक समझ की बात हो रही है।

“जब तक कोई मुझे न समझाए तो मैं कैसे समझूं?”

यह कोई वास्तविक प्रश्न नहीं है, वरन आलंकारिक भाषा का प्रयोग है। उसके कहने का आशय है कि “जब तक कोई मेरा मार्गदर्शन नहीं करेगा, तब तक मैं इसे नहीं समझ सकता।”

उसने फिलिप्पुस से विनती की कि चढ़ कर मेरे पास बैठ।

इसका आशय यह भी है कि फिलिप्पुस ने उसके साथ यात्रा करना स्वीकार कर लिया था।