विश्वासी जन में शुरू की अपनी प्रार्थना को आगे बढ़ाते हैं
उनकी धमकियों को देख कर -इसी कारण से शिष्यों को परमेश्वर का वचन बोलने का हियाव दिया गया था।
यह शिष्यों का पवित्र आत्मा से भरने का परिणाम था