hi_tn/act/04/29.md

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विश्वासी जन में शुरू की अपनी प्रार्थना को आगे बढ़ाते हैं

उनकी धमकियों को देख कर

उनकी धमकियों को देख कर -इसी कारण से शिष्यों को परमेश्वर का वचन बोलने का हियाव दिया गया था।

तेरा वचन बड़े हियाव से सुनाएँ

यह शिष्यों का पवित्र आत्मा से भरने का परिणाम था