hi_tn/act/02/43.md

1.0 KiB

उनकी सब वस्तुएं साझे की थी

“उन्होंने अपनी सब वस्तुएं सबके साथ, आपस में बाँट ली”

बाँट दिया करते थे

वस्तुएं दे देते थे, या कि उसे बेचने से मिले धन को बाँट लेते थे, या फिर उस धन को दे देते थे

भय

भय -श्रृद्धापूर्ण भय

इकट्ठे रहते थे

विश्वास में एक होकर इकट्ठे रहते थे

जिसकी आवश्यकता होती थी

जब कोई विश्वासी अपनी आवश्यकता प्रकट करता था, या कि उसकी आवश्यकता दिखाई देती थी तो अन्य विश्वासी उस आवश्यकता को पूरा करते थे