hi_tn/act/02/32.md

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में प्रारम्भ किये यहूदियों के संबोधन को पतरस आगे बढाता है

परमेश्वर के दाहिने हाथ से

“विश्वसनीयता, आदर, अनुमोदन, विश्वास, भरोसे, सामर्थ और परमेश्वर के विशेषाधिकारों का स्थान।”