hi_tn/act/01/17.md

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में शुरू की गयी अपनी बात को पतरस आगे बढाता है

उसकी अधर्म की

अर्थात “यीशु के शत्रुओं द्वारा उसे पकड़वाने का अधर्म से भरा कार्य।” इससे यह स्पष्ट हो जायेगा कि कौन से “अधर्म” की बात हो रही है।

और सिर के बल गिरा, और उसका पेट फट गया, और उसकी सब अंतड़ियां निकल पड़ी।

और इसी खेत पर यहूदा घातक रूप से सिर के बल गिरा और उसका शरीर फट कर खुल गया। वचन के दूसरे हिस्सों में उसके द्वारा फांसी लगा कर आत्महत्या करने के उल्लेख हैं।

इस बात को यरूशलेम के सब रहनेवाले जान गए यह लहू का खेत।

इस मृत्यु के कारण लोग उस खेत को नए नाम से संबोधित करने लगे।