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हे थियुफिलुस, मैंने अपनी पहली पुस्तिका

पहली पुस्तिका का आशय लूका रचित सुसमाचार से है।

हे थियुफिलुस

यह पुस्तिका लूका ने थियुफिलुस नामक व्यक्ति को लिखी थी। उसे संबोधित करने के लिए उसने “हे” शब्द का प्रयोग किया है। कुछ अनुवादों में संस्कृति उपयुक्त संबोधनों का प्रयोग करते हुए वाक्य के आरम्भ में “प्रिय थियुफिलुस” जैसे संबोधन का प्रयोग किया गया है। थियुफिलुस का शाब्दिक अर्थ “परमेश्वर का मित्र” होता है।

उस दिन तक जब वह ....ऊपर न उठाया गया

इसका आशय यीशु मसीह के स्वर्गारोहण से है।

पवित्र आत्मा के द्वारा आज्ञा देकर

विशिष्ट कार्यों में शिष्यों की अगुवाई के निमित्त पवित्र आत्मा यीशु की अगुआई करता था।

उसने दुःख उठाने के बाद

यह क्रूस पर उठाये गए यीशु के कष्टों व उसकी मृत्यु के विषय में है।

अपने आप को उन्हें जीवित दिखाया

12 मूल शिष्यों के अतिरिक्त यीशु बहुत से अन्य लोगों पर भी प्रकट हुआ था।