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पद 4,5 और 6 में पौलुस तीन रूपकों द्वारा मसीह के सेवक की जीवनशैली को सुव्यक्त करता है।
मेरे साथ दुःख उठा
संभावित अर्थ 1) “मेरे कष्ट उठा” (यू.डी.बी.) या 2) मेरे दुःखों में सहभागी हो”।
योद्धा.... अपने आप को संसार के कामों में नहीं फंसाता।
“जीवन की दैनिक गतिविधियों में फंसा हुआ सैनिक अयोग्य होता है”। या “सेवारत सैनिक सामान्य मनुष्यों के सदृश्य दैनिक कार्यों में विचलित नहीं होता है”। यह तीन में से कहता रूपक है। पाठक को समझ लेना है कि मसीह के सेवक दैनिक जीवन के कार्य-कलापों के कारण मसीह की सेवा से अलग न हों।
फंसाता
सांसारिक बातों से मसीह की सेवा में बाधित होने को जाल में फंसने की उपमा दी गई है।
भर्ती करने वाले को
“जिसने उसे सेना में भर्ती किया है”
अखाडे में लड़नेवाला यदि विधि के अनुसार न लड़े तो मुकुट नहीं पाता है।
यह पौलुस द्वारा तीमुथियुस को लिखा दूसरा रूपक है। पाठक को समझ लेना है कि मसीही सेवकों को मसीह की आज्ञाओं के अनुसार काम करना है।
मुकुट नहीं पाता है
“वह पुरस्कार नहीं जीत पाता है”
विधि के अनुसार
“नियमों का पालन न करें” या “नियमों के अनुसार खेल पूरा न करें”