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547 B

छावनी पर टूट पड़े

अपने तरीके से शत्रुयों की सेना के साथ लड़े

क्या मैं उन मनुष्यों का लहू पीऊँ जो अपने प्राणों पर खेलकर गए थे?

पानी को पीना उन आदमीओं का लहू पीने जैसा होगा जो जान की बाजी लगाकर इस पानी को लाएँ हैं