hi_tn/2sa/17/01.md

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अहीतोपेल

यह एक पुरूष का नाम है।

बारह हजार पुरूष

12,000 पुरूष

उठकर

शुरू किया

पकड़ूँगा

जाऊँगा

थका-माँदा और निर्बल होगा

कमजोर

मैं उसे डराऊँगा

“मैं उसे हैरान करके डरा दूँगा”

मैं राजा ही को मारूँगा

मैं केवल राजा को ही मारूँगा

सब लोगों को तेरे पास लौटा लाऊँगा

उसके साथ गए सब लोगों को ले आऊँगा

यह वाक्य हिन्दी अनुवाद में नहीं है

यह वाक्य हिन्दी अनुवाद में नहीं है

कुछल क्षेम से

शांति से रहेंगे

तेरे अधीन (यह वाक्य हिन्दी अनुवाद में नहीं है )

यह वाक्य हिन्दी अनुवाद में नहीं है