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तो भी

यह शब्‍द बताते है कि योशिय्‍याह ने जो कुछ किया सही किया लेकिन फिर भी यहोवा का क्रोध यहूदा पर से शांत नही हुआ।

यहोवा का भड़का हुआ बड़ा कोप शान्त न हुआ, जो इस कारण से भड़का था,

“यहोवा का कोप रुका नहीं क्‍योकि वह क्रोधित था।”

यहोवा को क्रोध पर क्रोध दिलाया था।

“उसको गुस्‍सा दिलाया गया”

सामने से दूर करूँगा

“यहाँ मैं हूँ उसे वहाँ से दूर दूँगा”

यह मेरे नाम का निवास होगा,

“लोग वहाँ मेरी अराधना करेंगे“