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सामान्‍य जानकारी

लेखक बता रहा है कि अमस्‍याह ने अपने पिता, राजा योआश की हत्या किये जाने के बाद क्या किया।

परन्तु उन खूनियों के बच्चों को उसने न मार डाला,

“परँतू उसने अपने दासों को उन अधिकारीओं के बच्‍चों को मारने को नहीं कहा”

पुत्र के कारण पिता न मार डाला जाए, और पिता के कारण पुत्र न मार डाला जाए;

“लोगों को बच्‍चों के पाप के कारन बाप को नहीं मारना चाहोये और उन्‍हे बच्‍चो के पाप के मात-पिता को नही मारना चाहीए”

जिसने पाप किया हो, वही उस पाप के कारण मार डाला जाए।

“हर व्‍याकित अपने ही पापों की सजा पाये”

उसी अमस्याह ने मार डाले

“अमस्याह की सेना ने मार डाले”

दस हजार एदोमी पुरुष

“10.000 सिपाही”

नमक की तराई में

“यह स्‍थान का नाम है जो मृत्यु सागर के दक्षिण में है”

सेला नगर से युद्ध करके उसे ले लिया,

“राजा अमस्‍याह की सेना ने सेला शहर को बंदी बना लिया”

सेला...योक्तेल

“उन्‍होने सेला शहर का बदल दिया। नया नाम जोक्‍तेल था”