hi_tn/2ki/12/04.md

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“पवित्र की हुई वस्तुओं का जितना रुपया यहोवा के भवन में पहुँचाया जाए,

यह पैसे को दर्शाता है जो लोगों ने भवन का समर्थन करने के लिए दिए जाते थे। यह धन तीन रूपों में आया था जो बाकी वाक्य में वर्णित हैं।

जितना रुपया जिसकी इच्छा यहोवा के भवन में ले आने की हो।

यह पैसे को दर्शाता है जो लोगों ने यहोवा को स्वतंत्र रूप से देने का फैसला किया।