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भवन के दक्षिणी कोने से लेकर उत्तरी कोने तक वेदी और भवन के पास।

यह अनिश्चित है कि क्या यहां "घर" शब्द भवन या महल को दर्शाता है। कुछ संस्करण "भवन" की पहली दो घटनाओं का अनुवाद "महल" के रूप में करते हैं। ये संस्करण कहते हैं, "महल के दाईं ओर से महल के बाईं ओर, वेदी और भवन के पास।"

तब उसने राजकुमार को बाहर लाकर

यहोयादा, महायाजक, राजा अहज्याह के बेटे, योआश को भवन के कोठरी से बाहर ले आया, जहाँ उसे छुप कर बड़ा हुवा था।

साक्षीपत्र रख दिया।

"उसे कानून की पुस्तक के साथ प्रस्तुत किया।"

उसका अभिषेक।

योआश के सिर पर कुछ जैतून का तेल डाला।"

फिर ताली बजा-बजाकर।

हाथों को ताली बजाना नए राजा के अभिषेक में लोगों की खुशी का संकेत था।