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427 B

अपना नाम बनाए रखने के लिये

“ताकि वह हमेशा वहां सम्मानित हो”।

उसने अपने मन को यहोवा की खोज में न लगाया

“उसके पास परमेश्‍वर को मानने की इच्छा औटर शक्त्ति नहीं थी”।