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तुझे
तीमुथियुस एकवचन - को। अतः तू के स्वरूप एवं आज्ञाएं एकवचन में हों।
पक्षपात
“समय से पूर्व निर्णय लेना” या “सबकी बातें सुनने से पूर्व निर्णय लेना” तीमुथियुस के लिए आवश्यक था कि निर्णय लेने से पूर्व तथ्यों पर ध्यान दे।
पक्षपात से
“किसी अपने पर अधिक अनुग्रह मत करना” या “मित्रों का ध्यान रखते हुए निर्णय न लेना” तीमुथियुस के लिए आवश्यक था कि मनुष्य का ध्यान न करके तथ्यों का अवलोकन करे।
हाथ न रखना
यह एक अनुष्ठान था जिसमें एक से अधिक अगुवे किसी के सिर पर हाथ रख कर प्रार्थना करते थे कि वह परमेश्वर की इच्छा के अनुसार सेवा करने के योग्य हो। तीमुथियुस को ऐसे मनुष्य के लिए लम्बें समय तक अच्छे चरित्र की जांच करके उसे कलीसियाई सेवा के लिए इस अनुष्ठान में सम्मिलित करना था।
दूसरों के पापों में भागी न होना
इसके संभावित अर्थ हैं 1)यदि तीमुथियुस किसी पापी की कलीसियाई सेवा में चुन ले तो परमेश्वर उसके पाप का लेखादायी तीमुथिसुस को बनाएगा। या 2) तीमुथियुस अन्यों के पापों को स्वयं न करें।