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जवान विधवाओं के नाम न लिखना

वह सूची 60 वर्ष से अधिक आयु की विधवाओं की थी कि कलीसिया उनकी देखरेख करे।

मसीह का विरोध करके सुख विलास में पड़ जाती हैं

“अपनी यौन अभिलाषाओं के कारण मसीह से विमुख हो जाती है” या “अपनी अभिलाषाओं के कारण आत्मिक समर्पण का त्याग करना चाहती हैं।

अपने पहले विश्वास को छोड़ दिया

“अपने समर्पण का त्याग कर देती हैं” या “जो शपथ खाई है उसकी निष्ठावान नहीं रहती है”।

विश्वास-समर्पण

यदि कलीसिया उनकी आवश्यकताएं पूरी करे तो वे अजीवन कलीसिया की सेवा करेंगी। यह उनका विश्वास (समर्पण) था।

बक-बक

जो किसी के निजि जीवन के बारे में अन्यों से चर्चा करता है

दूसरों के कामों में हाथ भी डालती हैं

दूसरों के कामों में हस्तक्षेप करती हैं।

अनुचित बातें बोलती हैं।

“जिन बातों की चर्चा करना उचित नहीं”