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पौलुस के ये सब आदेश एक ही व्यक्ति के लिए हैं। तीमुथियुस के लिए। जिन भाषाओं में “तुम” के विभिन्न रूप है या आज्ञाओं के विविध रूप हैं, वैसे एक वचन का उपयोग किया जाए।

किसी बूढ़े को न डांट

किसी बूढ़े को न डांट - “किसी वृद्ध जन के साथ कठोर भाषा का उपयोग मत कर”

पर उसे पिता जानकर समझा दे

पर उसे पिता जानकर समझा दे “परन्तु उसे ऐसे समझा जैसे अपने पिता को समझाता है।

और जवानों को भाई जानकर

“युवाओं को ऐसे प्रोत्साहित कर कि जैसे वे तेरे भाई हैं” या “युवकों के साथ भाई का सा व्यवहार कर”

बूढ़ी स्त्रियों को माता जानकर

बूढ़ी स्त्रियों को माता जानकर - “वृद्ध स्त्रियों को माता के स्वरूप समझ” या “वृद्ध स्त्रियों को ऐसे प्रोत्साहित कर जैसे तू अपनी माता से बातें करता है”

जवान स्त्रियों को... बहन जान कर समझा दे”।

जवान स्त्रियों को... बहन जान कर समझा दे”। - “युवा स्त्रियों के साथ ऐसी बात कर जैसे अपनी बहन के साथ करता है” या “युवा स्त्री के साथ बहन का सा व्यवहार कर”।

पूरी पवित्रता से

“शुद्ध विचार एवं कामों के साथ” या “पवित्रता में”