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प्राचीनों के हाथ रखते समय

यह एक कलीसियाई अनुष्ठान जिसमें कलीसिया के अगुओं ने तीमुथियुस के सिर पर हाथ रखकर परमेश्वर से प्रार्थना की थी कि, वह तीमुथियुस के उस काम को करने योग्य बनाए जो उसने उसे सौंपा था।

तू अपने और सुनने वालों के लिए भी उद्धार का कारण होगा

“तू स्वयं और अपने श्रोताओं को झूठी शिक्षाओं और अनुचित कामों से सुरक्षित रख पाएगा” जो झूठी शिक्षाओं पर चलकर अनुचित काम करते हैं वे परिणामस्वरूप कष्ट भोगेंगे। पौलुस नहीं चाहता था कि तीमुथियुस और उसके मित्र अनुचित बातों में विश्वास करने और वैसे काम करने के कारण कष्ट उठाएं”।

उस वरदान के प्रति निश्चिंत मत रह

“परमेश्वर ने जो वरदान तुझे दिया है उसका पूरा उपयोग कर"

भविष्यद्वाणी के द्वारा

“जब परमेश्वर की कलीसिया के अगुओं ने परमेश्वर की इच्छा प्रकट की थी”।

इन बातों को सोचते रह और उन्हीं में अपना ध्यान लगाए रह।

“हम सब बातों के अनुरूप जीवन जी और वैसा ही कर भी”

ताकि तेरी उन्नति सब पर प्रगट हो

“कि मनुष्य तेरा उत्थान देख पाएं” या “मनुष्य तेरे कामों में उन्नति देख पाएं”।

अपनी चौकसी कर

“अपना आचरण सावधानीपूर्वक कर” या “अपने व्यवहार को नियंत्रित कर”

इन बातों पर स्थिर रह

“ऐसे काम करता रह”।