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जिस तरह माता अपने बालकों का पालन-पोषण करती है

जैसे माता बड़ी कोमलता से अपनी सन्तान को शान्ति देती है, वैसे ही पौलुस, सिलवानुस और तीमुथियुस ने थिस्सलोनिका के विश्वासियों में प्रचार किया था।

तुम्हारे बीच में रहकर कोमलता दिखाई

“हमने तुमसे प्रेम किया”

तुम हमारे प्रिय हो गए थे

“हमने तुम्हारी बहुत चिन्ता की”

हमारे परिश्रम और कष्ट

ये दोनों शब्द समानार्थक है जिसका अभिप्राय है भलिभांति यत्न से काम करना। “हमारा परिश्रम”

रात दिन काम धन्धा करते हुए.... कि तुममें से किसी पर भार न हो

"हमने अपने जीविकोपार्जन हेतु परिश्रम किया कि तुम्हें हमारी सहायता न करनी पड़े।"