मूसा की व्वस्था के अनुसार यदि कोई मनुष्य अशुध्द होता है तो वह तब तक दावत में शामिल नहीं होता जब तक पुरोहित उसे शुध्द घोषित न करदे। शाऊल अपने लिए इस बात को दुहरा रहा था