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‘राजा कन्या का मोल तो कुछ नहीं चाहता, केवल एक सौ खलड़ियाँ चाहता है,
राजा तुमसे कन्या का मोल तो नहीं चाहता, वह तुमसे केवल एक सौ खलड़ियाँ चाहता है,
कन्या का मोल
इस रिवाज़ में पुरुष को दुल्हन के पिता को उपहार देना होता था।
खलड़ियाँ
पुरुषों के गुप्त अंग की चमड़ी जिसे खतना करते समय हटाया जाता है।
कि वह अपने शत्रुओं से बदला ले
राजा के शत्रुओं से बदला ले।
कि पलिश्तियों से दाऊद को मरवा डाले।
ताकि पलिश्ती दाऊद को मार डाले।