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“क्या तुम को मालूम है, कि गिलाद का रामोत हमारा है? फिर हम क्यों चुपचाप रहते और उसे अराम के राजा के हाथ से क्यों नहीं छीन लेते हैं?

अहाब यह कहता है “रामोत गिलाद हमारा है, पर हमने अभी तक ऐसा कुछ नही किया जिससे हम उसे अराम के राजा के हाथों से छुड़ा सके”

अराम के राजा के हाथ से क्यों नहीं छीन लेते हैं

“अराम के अधिकार में से निकाल सके”

“जैसा तू है वैसा मैं भी हूँ। जैसी तेरी प्रजा है वैसी ही मेरी भी प्रजा है, और जैसे तेरे घोड़े हैं वैसे ही मेरे भी घोड़े हैं।”

“मैं, मेरे सिपाही, और मेरे रथ सब तेरे है ओर जैसे तु चाहे इन्‍हें इसतेमाल कर”