“यहोवा ने अपना वचन बोला”
“मेह को भूमि पर बरसने दिया”
यहा लेखक पीछे के इतिहास को ब्यान करता है कि अकाल कितना भारी था और कैसे सामरिया इससे प्रभावित हुआ।