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“जब तेरी प्रजा के लोग जहाँ कहीं जाएँ… प्रार्थना करें

सूलैमान जो बातें कर रहा है वो हुई नही है पर भविष्य में हो सकती है ऐसा कहकर वो परमेशवर से बातें करता है।

तेरे नाम पर

“जिसमें लोग तेरी आराधना करेंगे”

उनकी प्रार्थना और गिड़गिड़ाहट

“उनकी विनती”