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“क्या परमेश्‍वर सचमुच पृथ्वी पर वास करेगा,?

“पर यह निश्चित रूप से नही है की परमेश्‍वर सचमुच पृथ्वी पर वास करेगा“

क्या परमेश्‍वर

“क्या तुम”

वरन्

“सच तो यह है”

तू, फिर मेरे बनाए हुए इस भवन में कैसे समाएगा।

“तु, तो यह मेरा बनाया हुआ भवन निश्चित रूप से नही“

अपने दास की प्रार्थना और गिड़गिड़ाहट की ओर कान लगाकर

“मेरी ओर कान लगा, तेरा दास, मैं यह प्रार्थना करता हुंँ”

मेरी चिल्लाहट और यह प्रार्थना सुन! जो मैं आज तेरे सामने कर रहा हूँ;

“मेरी सुन, तेरा दास, जो मेरी मदद करने के लिए तेरी दुहाई देता है”।