दोनों वेश्याएँ लगातार सुलैमान को अपनी कहानी सुनाती हें।
इसका मतलब बच्चे को दुध पिलाना है।
“राजा सुलैमान के सामने”, जब राजा उन्हे देख और सुन सकता था।