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सामान्य जानकारी:

सुलैमान यहोवा से बात करता है।

तू…बड़ी करुणा* करता रहा

“तु अपनी करुणा पर सच्चाई से चलता रहा”।

क्योंकि वह अपने को तेरे सम्मुख जानकर तेरे साथ सच्चाई और धार्मिकता और मन की सिधाई से चलता रहा;

“क्योंकि वह सच्चा, धार्मिक ओर उसका मन सिधाई का था।“

मन की सिधाई

“ओर वो ईमानदार था”।

एक पुत्र दिया है

वह “पुत्र” सुलैमान है।

उसकी गद्दी पर बिराजनेवाला

“उसकी जगह राज करने वाला”

आज

“आज” की बात सुलैमान एक दिन के लिए नही वरन उन सब सालों की बात करता हे जब से वह राज कर रहा है।